कंपनी के सह-संस्थापक अनुराग गुप्ता और सुमित कपूर ने बताया की हाइपर लोकल को इस्तेमाल करते हुए वह छोटे मार्केटर्स को एक लिमिटेड ज्योग्राफिकल एरिया की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाने में मदद कर रही है. इसके जरिए विक्रेता को कीमत, समय और डिलीवरी जैसे चीजों पर अपने हिसाब से फैसला लेने भी आजादी मिलती है.
आज का जमाना डिजिटल प्लेटफार्म में पूरी तरह से बदलता जा रहा है. कपड़े खरीदने से लेकर तेल साबुन जैसी चीजे भी लोग ऑनलाइन ही खरीद रहे हैं. और जैसे जैसे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन एक आम बात बनती जा रही है वैसे वैसे ही उपभोक्ता खरीदारी के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म पर शिफ्ट होते जा रहे हैं. इस बात का सबसे बुरा असर छोटे विक्रेताओं पर पड़ रहा है जो पुराने ग्राहकों को खो रहे हैं. छोटे विक्रेताओं को इन्हीं समस्याओं से बाहर निकालने का काम कर रहा है कद्दू (QADDOO).
इसके माध्यम से छोटे सब्जी विक्रेता, फल विक्रेता, सड़क किनारे फेरीवाले और छोटे किराने की दुकानें आपस में जुड़ने में सक्षम हो जाएंगे.
कंपनी के सह-संस्थापक अनुराग गुप्ता और सुमित कपूर ने बताया की हाइपर लोकल को इस्तेमाल करते हुए वह छोटे मार्केटर्स को एक लिमिटेड ज्योग्राफिकल एरिया की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाने में मदद कर रही है. इसके जरिए विक्रेता को कीमत, समय और डिलीवरी जैसे चीजों पर अपने हिसाब से फैसला लेने भी आजादी मिलती है. इसमें आप अपने द्वारा रिटेल स्टोर्स के स्थान का चयन भी कर सकते हैं. आप अपनी सहूलियत के हिसाब से अपना सामान अपनी बताई हुई जगह पर मंगवा सकते हैं. इसके अलावा ये प्लेटफार्म आपको ग्रुप में शामिल होने का ऑप्शन भी देता है, जिससे की आप कोई भी खबर, वीडियो या फिर घटनाओं को दूसरे लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं. ऐप के अंदर विक्रेताओं के लिए खुद की मर्जी के हिसाब से अपने स्टोर के कैटलॉग को बनाने और डाटा को सेव करके रखने की सुविधा भी दी गई है, जिससे वो अपने हिसाब से अपना तैयार कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि इसकी सबसे बड़ी खास बात ये है कि यह किसी भी विक्रेता के कोई भी कमीशन चार्ज नहीं कर सकती है. सिर्फ इतना ही नहीं ये प्लेटफॉर्म समय समय पर आपको कुछ ऑफर्स भी देता है जिन्हें प्रयोग में लाकर आप अपने विजिटर को अपने स्टोर से सामान लेने के लिए आकर्षित भी कर सकते हैं. और ये प्लेटफार्म आपको किसी भी स्थान के लिए रियल टाइम पोस्ट बनाने और ग्रुप के लोगों के साथ आमने सामने बात चीत करने में भी सक्षम बनाता है. बदलते हुए रुझान के साथ आज कल के उपभोक्ता बड़े बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के साथ जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं लेकिन इस वजह से लोकल विक्रेताओं को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. इन ही स्थितियों से निपटने के लिए कद्दू एक स्पोर्टर की तरह काम करता है और इसी वजह से कंपनी, एक लोकल विक्रेता को अपनी मन चाही कीमत पर सामान बेचने की अनुमति देती है.
कंपनी के सह-संस्थापक ने कहा, देखिये वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी की एक साइज सब पर फिट नहीं बैठता. इसीलिए ये कंपनी विक्रेताओं को एक ऐसा प्लेटफॉर्म देती है जिसमें की विक्रेता अपनी मर्जी के हिसाब से अपने स्टोर को चला सके. फिर चाहे वो सब्जी विक्रेता हो या फिर ठेली वाला, किराना स्टोर वाला हो या फिर फल बेचने वाला, ये कंपनी सभी तरह के विक्रेताओं को अपना सामान बेचने में मदद करती है और वो भी अपने मन चाहे दाम पर. अनुराग गुप्ता बताते हैं कि छोटे व्यवसाय भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और ये राष्ट्रों की असली क्षमता को उजागर करते हैं. और हमारी कंपनी छोटे और बड़े विक्रेताओं के बीच हो रही इस असामनता से लड़ने में सक्षम है जिसके चलते हमारी कंपनी इन स्टोर्स पर कार्य करने वाले श्रमिकों की नौकरियों को बचा रही है.
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